Below is a short showcase of all Poems ...
Nanha sa diya
सामने कुहरा घना है और मैं सूरज नहीं हूँ क्या इसी अहसास में जिउं ? या जैसा भी हूँ
झाँसी वाली रानी बनना
आजादी की राह की दीवानी बनना कठिन बनना हो लाडो की सिया सी तुम बनना | राम न करे
कविता
कविता है कोमल कुंवारी सुकन्या रिझाती है औ मन को रमाती है कविता | कभी बांसुरी बन कभी चक्र बनकर
Kaash ki mein fir se …
काश की मैं फिर से . . . काश की मैं फिर से बचपन को वापस ला पाती , काश की